Friday, February 13, 2009

सामूहिक स्तुति

हे ईश सब सुखी हों, कोई न हो दुखारी।
सब हों निरोग भगवन,धन धान्य के भण्डारी।।
सब भद्रभाव देखें, सन्मार्ग के पथिक हों।
दुखिया न कोई होवे, सृष्टि में प्राण धारी।।
हे ईश सब सुखी हों....।।
सुखी बसे संसार सब, दुखिया रहे न कोय।
यह अभिलाषा हम सब की, भगवान पूरी होय।।
विद्या बुद्धि तेज बल, सबके भीतर होय।
दूध पूत धन धान्य से, वंचित रहे न कोय।।
आपकी भक्ति प्रेम से, मन होवे भरपूर-2
राग द्वेष से चित्त मेरा, कोसों भागे दूर।।
मिले भरोसा आपका, हमे सदा जगदीश।
आशा तेरे नाम की, बनी रहे मम ईश।।
पाप से हमें बचाइए, करके दया दयाल-2
अपना भक्त बनाइके, सबको करो निहाल।।
दिल में दया उदारता, मन में प्रेम अपार।
हृदय में धारे दीनता, हे मेरे करतार।।
हाथ जोड़ विनती करूँ, सुनिए कृपा निधान-2
साधु संगत दीजिए, दया धर्म का दान।।
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।।
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।।

Sunday, February 8, 2009

माघ पूर्णिमा

प्रिय मंगलमय परिवार
9 फरवरी, 2009 - माघ पूर्णिमा - कृपया हवन करें।
विजय कौशल, वृंदावन।
संपर्क करें -
09412226493
09212605989

Friday, February 6, 2009

यज्ञ से पवित्र होता है तन-मन एवं भवन


परम पूज्य संत श्री विजय कौशल महाराज जी
हर महीने पूर्णिमा एवं अमावस्या को प्रात: छोटा सा यज्ञ करें। यज्ञ से तन-मन एवं भवन भी पवित्र होता है। अमावस्या को यज्ञ करने से पितरों के आशीर्वाद से संतान एवं संपत्ति प्राप्त होती है एवं पूर्णिमा को यज्ञ करने से देवी देवता सभी कष्टों को दूर कर आनंद व शान्ति देते हैं।

विधि:-

यज्ञ वेदी के साथ मंगलमय दीपक प्रज्वलित करें एवं "ऊँ भूर्भुव: स्व:।।" मंत्र का उच्चारण करें एवं आचमन करें।

गायत्री-मंत्र की 24 आहूतियाँ दें।
ऊँ भूर्भुव: स्व:। तत्सवितुर्वरेण्यं-भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।।
महा-मत्र की 16 आहूतियाँ दें।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।।

निम्न चौपाइयों की 3 आहूतियाँ दें।
जेहि बिधि नाथ होय मोरा। करहु सो बेगि दास मैं तोरा।।
मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी।।
दीनदयाल बिरिद संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।